ये जो हो रहा है, इनकी यही सच्चाई है।
फिर इस सच्चाई को ढांपने के लिए ये बड़ी-बड़ी रजाइयों और कंबलों को लाके, क्या लोग इसको ढांप लेंगे?
अब न तो वो जमाना रहा ना ही वो दस्तूर, इस बदले हुए जमाने में छुपना या छुपाना कठिन है।
ये लोग जो थूक रहे हैं, नंगे हो रहे हैं, गालियाँ बक रहे हैं या पत्थरबाजी कर रहे हैं, ये वो जाहिल लोग हैं जिन्हें ये पता नहीं कि वो अपने आप के लिए दुश्मन बन रहे हैं।
डॉक्टर कोई मशीन नहीं कोई रोबोट नहीं, वो इंसान है और इनमें सोचने समझने की शक्ति है।
ये कोई पी पी सरकार का जादू नहीं चल रहा है जो दिखता कुछ है और होता कुछ है।
इनकी परेशानी ये है कि अब जो करते हैं वो दिख जाता है, दिन है...अब कोई रात नहीं।
पहले Corona virus बेहद सूक्ष्म होता था, जो दिखाई नहीं पड़ता था । अब स्पष्ट नज़र आने लगा है ।